PM Fasal Bima Yojana: हमारे जीवन के लिए खाना उतना ही आवश्यक है जितना हवा और पानी है | यह खाना हमें खेती के द्वारा आता है और खेती करने वाले किसानों की फसलों को मौसम,कीड़े मकोड़े, फसलों की ही बीमारियां और भी कुछ घटनाओं के कारण उनकी फसल बर्बाद हो जाती है | किसानों के घाटे की भरपाई करने के लिए भारत सरकार ने एक योजना घोषित की थी जिसका नाम है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को 2016 में लाया गया था इस योजना के अंतर्गत जिन किसानों की फसलें अप्रत्याशित घटनाओं के कारण बर्बाद हो जाती हैं और उन्हें वित्तीय घाटा सहना पड़ जाता है किसानों के उस घाटी की भरपाई की जाती है | इस योजना के अंतर्गत फसलों को कोई नेचुरल डिजास्टर की वजह से घाटा लगता है, कभी भी बरसात होने की वजह से कीड़े मकोड़ों की वजह से ,कोई भी फसलों की ही बीमारी होने के कारण से अगर घाटा लगता है तो वह घाटे की भरपाई इस योजना के अंतर्गत की जाएगी | यह योजना “वन नेशन वन क्रॉप वन प्रीमियम ” सिद्धांत पर चलती है और इसका यही सिद्धांत रहता है कि यह किसानों को फसल बीमा दे सके |
Table of Contents
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के उद्देश्य :
- सभी किसान लोन से मुक्त हो पाएंगे |
- किसानों को उत्पादन में घाटा होने के रिस्क से बचाने के लिए |
- किसान सस्ते से सस्ते रेट में फसल बीमा भी खरीद सकते हैं |
- किसानों को अगर उनकी फसल से घाटा लगता है तो वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जाएगी |
- किसानों के लिए फिक्स आए हो जाएगी जिससे कि वह अपने परिवार का अच्छे से ख्याल रख सकते हैं और निश्चिंत होकर खेती कर सकते हैं |
- अगर किसानों के पास पैसा होगा तो वह आधुनिक कृषि पद्धति और नए कृषि उपकरण लेने के लिए तैयार होंगे |
PM Fasal Bima Yojana की विशेषताएं और लाभ :
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में लेटेस्ट तकनीक का उपयोग किया जाता है मतलब की आप की फसल को ऑनलाइन डेटाबेस पर अपलोड कर दिया जाता है और एस्से क्लेम सेटेलमेंट बहुत तीव्रता से हो जाता है |
- खराब मौसम की वजह से या बेमौसम बरसात होने के कारण अगर आप की फसल को नुकसान पहुंचता है तो उस नुकसान की भरपाई के लिए सबसे पहले आपके भूखंड को चेक किया जाएगा उसके बाद आपके भूखंड के आधार पर आपको भरपाई दी जाएगी |
- अगर किसानों को स्थानीय नुकसान होता है तो उसकी भरपाई के लिए डायरेक्टली किसानों के खाते में भरपाई की राशि भी दी जाती है |
- किसानों का नामांकन योजना के बारे में लोगों तक जागरूकता फैलाना और भरपाई राशि को किसानों तक पहुंचाने का काम केवल एक ही मैनेजमेंट कंपनी के द्वारा किया जाता है इससे किसानों तक दावा राशि पहुंचाने में तीव्रता होती है |
- इस योजना के अंतर्गत सभी किसानों के लिए प्रीमियम रेट्स एक समान ही हैं | किसानों को जो प्रीमियम देना होता है वह बहुत ही कम होता है प्रीमियम का ज्यादातर पैसा सरकार की ओर से चुका दिया जाता है |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए पात्रता मानदंड :
- अगर किसान वही फसल को उगा रहे हैं जो फसल उस एरिया में/रीजन में उगाई जाती है तो वह इस स्कीम के लिए योग्य हैं |
- जिन किसानों ने अभी तक कभी लोन नहीं मिला है उन्हें अपने जमीन के कागजात रिकॉर्ड ऑफ राइट में जमा करने होंगे |
किसानों द्वारा बीमा कंपनी को भुगतान की गई प्रीमियम दर :
फसल का प्रकार | किसानों द्वारा देय अधिकतम प्रीमियम (बीमित राशि का %) |
खरीफ | बीमा राशि का 2% या बीमांकिक दर |
रबी | बीमा राशि का 1.5% या बीमांकिक दर |
खरीफ और रबीक | बीमा राशि का 5% या बीमांकिक दर |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए सेल्फ-रजिस्टर कैसे करें ?
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं | वहां होम पेज पर ही आपको रजिस्टर ऑप्शन दिखाई देगा, ऑप्शन पर क्लिक करें |
- अपनी पर्सनल और जो भी डिटेल्स मांगी गई हो सभी को दर्ज करें |
- अपना आधार कार्ड और मोबाइल नंबर दर्ज करें और आवेदन को सबमिट कर दें |
- आवेदन अप्रूव या रिजेक्ट होने के बाद उम्मीदवार को मैसेज के द्वारा बता दिया जाएगा |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए दावा प्रक्रिया :
रोका बुवाई, रोपण और अंकुरण जोखिम के मामले में | प्रभावित क्षेत्र की मौसम डाटा उपग्रह चित्र और फसल की स्थिति की जांच की जाएगी अगर बीन क्षेत्र को पूवैयर ओपन जोखिम से पीड़ित सूचित किया जाता है तो भुगतान के तहत बीमा राशि 25 परसेंट किसानों को दिया जाएगा | |
खड़ी फसलों को नुकसान होने पर (बुवाई से लेकर कटाई तक) | प्रतिकूल मौसम की स्थिति, शुष्क मौसम, सूखे की क्षति, आदि के कारण खड़ी फसलों को किसी भी नुकसान / क्षति के खिलाफ दावा किया जाता है। साथ ही, दावा तब किया जा सकता है जब मौसम के दौरान अपेक्षित उपज 50% से कम होने की संभावना हो। सामान्य उपज का भुगतान किया गया अधिकतम दावा मुआवजा 25% तक है। |
फसल के बाद के नुकसान के मामले में | दावे की सूचना बीमाकर्ता या सरकार को 72 घंटों के भीतर दी जानी चाहिए। |
स्थानीय आपदाओं के कारण नुकसान के मामले में | दावे की सूचना बीमाकर्ता या सरकार के साथ 72 घंटों के भीतर की जानी चाहिए। उपयोग किए जाने वाले प्रॉक्सी संकेतक मौसम की रिपोर्ट और अन्य संबंधित साक्ष्य हैं। |
PM Fasal Bima Yojana 2022 – FAQs
PM Fasal Bima Yojana में कौन सी फसलें शामिल हैं?
खाद्य फसलें (अनाज, बाजरा और दालें), तिलहन |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना योजना में बीमा राशि कैसे तय की जाती है?
बीमा राशि आमतौर पर जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा तय के बराबर होती है।